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Sunday, July 10, 2011

कल



गुजरे हुवे कल पूछे कुछ ऐसे
कल अभी गुजरा कंहासे
फिर वापस आने की है जो बात
कल नहीं, आज भी हूँ साथ
हर एक कल मैं, आज समाया
हर एक कल ने, कल को बुलाया
खेल जो यह है आने जाने का
समझलो जीबन है इसी पैमानेका
जो बीत गया वह कल है
जो अभी बीता वह भी कल है
जो आनेवाला वह भी कल है
कालचक्रमें फंसा हर पल कल है
जीना है तो जीलो पल दर पल
कल वापस नहीं आयेगा
आज फिर कल हो जायेगा

-Sajan.

6 comments:

  1. nyc one uncle....................//

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  3. गिर रही है बारिश
    जरा जरा सी,
    आहट आ रही है मुझ को
    जरा जरा सी,
    कही कोई दे रहा
    है आवाज़ आ रही है
    जरा जरा सी,
    आज आगाज़ तेरे लिये
    कल भी उम्मीद होगी
    जरा जरा सी,
    तेरी खुश्बू का साथ है
    मेरी तन्हाई मे
    महक आती है
    जरा जरा सी.

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  4. आहट बारिश की जरा जरा सी,
    आहट किसी की जरा जरा सी,
    कही कोई आवाज़ जरा जरा सी,
    आज नाउम्मीद है जरा जरा सी,
    कल उम्मीद की बारिश जरा जरा सी
    तेरी खुश्बू भरी पैगाम जरा जरा सी
    मेरी तन्हाई मे महक आती है जरा जरा सी.
    कल की आवाज सुन रहा जरा जरा सी
    आज ख़ुशी है जरा जरा सी
    "कल"को समझा आपने, बात है जरा जरा सी

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  5. http://www.shayri.com/forums/showthread.php?t=66462

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