में , मेरी तन्हाई, कुछ बीते लम्हे , कागज के कुछ टुकड़े को समेटे दो पंक्तिया . . .
Thursday, May 14, 2015
नज़रों से बचे, नज़रें मिलाकर,नज़रें चुराकर करे इशारा,
नज़रों से गिरे,नज़रें उठाये,नज़र से नज़र का खेल सारा
सजन
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