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Friday, July 27, 2012

इशारा आशिकी का

छंद रचे संदर अति भाबुक सा......
इशारा है आशिकी का
आँखों में मुहब्बत की कहानी ,
याद तो हर साँस में आनी
शुरुआत और अन्त प्रेम का
बिरह और मिलन सन्देश का
छबि घुमे नयनों में प्रियतम की
दिन सुना-सुना, रात भी बेगानी
खुले नयनों में स्वप्नों सा
भ्रमित मन चाँद चकौर सा
खोजे चांदनी, आंगन तारों का
यह ही तो इशारा है आशिकी का

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