में , मेरी तन्हाई, कुछ बीते लम्हे , कागज के कुछ टुकड़े को समेटे दो पंक्तिया . . .
Monday, February 18, 2013
दर्द
बंद कर लेते अपने होंट,
मगर दिल से दर्द है निकला ;
सजन
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