में , मेरी तन्हाई, कुछ बीते लम्हे , कागज के कुछ टुकड़े को समेटे दो पंक्तिया . . .
Sunday, February 17, 2013
इंतज़ार
दिन गुज़ारते उम्मीद से ,रातें गुज़रेगी ख्यालों मे,
रातें नहीं गुजरती ख्यालों से,इंतज़ार के लम्हों मे|
सजन
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