में , मेरी तन्हाई, कुछ बीते लम्हे , कागज के कुछ टुकड़े को समेटे दो पंक्तिया . . .
Sunday, February 17, 2013
ख्वाब
सोचते हैं, ख्वाब में भी दूर रहेंगे तुम से !
पर नींद नहीं आती बिन तुम्हारे ख्वाब के ,
सजन
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