ओ मेरे दिल-ऐ-नादान
चाहत है गुलाब की
पर काँटों से भरा है दामन |
ओ मेरे दिल-ऐ-अरमान
ओंस भीगे कमल की
हुवा हासिल कीचढ़ का फरमान |
ओ मेरे दिल-ऐ-गुमान
रूप की तुलना चाँद की
धब्बों भरा सुन्दरता की पहचान !
ओ मेरे दिल-ऐ-इमान
इश्वर-अल्लाह सा मान
नफरत- है फितरत, कैसे महेरवान ?
ओ मेरे दिल-ऐ-बेजुवान
स्वर-लगा बांसुरी के सुर सा
अनबोल हुवे अल्फाज, निश्चुप है अभिमान |
:-सजन कुमार मुरारका
चाहत है गुलाब की
पर काँटों से भरा है दामन |
ओ मेरे दिल-ऐ-अरमान
ओंस भीगे कमल की
हुवा हासिल कीचढ़ का फरमान |
ओ मेरे दिल-ऐ-गुमान
रूप की तुलना चाँद की
धब्बों भरा सुन्दरता की पहचान !
ओ मेरे दिल-ऐ-इमान
इश्वर-अल्लाह सा मान
नफरत- है फितरत, कैसे महेरवान ?
ओ मेरे दिल-ऐ-बेजुवान
स्वर-लगा बांसुरी के सुर सा
अनबोल हुवे अल्फाज, निश्चुप है अभिमान |
:-सजन कुमार मुरारका
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