हर लफ्ज.....
सदीयों से
कभी आग
कभी धुआँ
कभी पानी
कभी बरफ
का अहसास ........!
हर लफ्ज.....
सदीयों से
जलती आग-सा
फैले हुवे धुआँ सा
बहते हुवे पानी सा
जमे हुवा बरफ सा
करें असर.......!!
लफ्ज की क्या कहें
कुछ बोलता ,कुछ गूंजता
लफ्ज सदा ही यों चलता
ऐसे ही चलते रहें.....!!!
सदीयों से
कभी आग
कभी धुआँ
कभी पानी
कभी बरफ
का अहसास ........!
हर लफ्ज.....
सदीयों से
जलती आग-सा
फैले हुवे धुआँ सा
बहते हुवे पानी सा
जमे हुवा बरफ सा
करें असर.......!!
लफ्ज की क्या कहें
कुछ बोलता ,कुछ गूंजता
लफ्ज सदा ही यों चलता
ऐसे ही चलते रहें.....!!!
-अचल वाजपेयी की कविता "शब्द" के अनुकरण से
सजन कुमार मुरारका
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