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Saturday, September 8, 2012

"चिंता" और "चिंतन"

"चिंतन" से होती "चेतना" जाग्रत
बिन चेतना से शरीर है मृत
"चिंतन" "चेतना" का रूप करे सिद्ध
"चेतना" आत्मा की शक्ति में बिध्य
चिंता चिता समान करे दग्ध
"चेतना" "चिंता" को भगाने को प्रतिवध्य
"चिंता" देह-मन का भटके हुवे बिचार
ज्ञान से बने "चिंतन" मुक्ति का आधार......!!!
बात ये समझी आपने, खुश हो बांटे,
चिंतन से अगर हम समझे तो चिंता मिटे !
सजन कुमार मुरारका

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